भक्ति, संगीत और नृत्य के संगम से सजी मां काली की महाआरती — कालीमठ महोत्सव का भव्य समापन

प्राचीन कालीमठ में आयोजित तीन दिवसीय मां काली श्रृंगार संगीत महोत्सव का समापन भव्यता के साथ हुआ। अंतिम रात्रि में मां काली के रौद्र अड़भंगी श्रृंगार के दर्शन कराए गए। प्रधान पुजारी पं. विकास दुबे काका गुरु ने मां काली को स्नान कराकर नूतन वस्त्र, आभूषण एवं रजत नरमुंड की माला धारण कराकर श्रृंगार किया। महाआरती का आयोजन महंत पं. ठाकुर प्रसाद दुबे ने संपन्न कराया।सायंकालीन सत्र में गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन और संचालन में पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। पं. देवव्रत मिश्र और पं. कृष्ण मिश्र की सितार वादन की जोड़ी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। वहीं, डॉ. ममता टंडन की शिष्याओं मांडवी सिंह, शशांभवी सेठ और श्रुति सेठ ने पारंपरिक कथक प्रस्तुत किया। 

नृत्यांगना शिल्पा राय ने भावनात्मक अभिव्यक्ति से सभी का मन मोह लिया।विशेष आकर्षण भोजपुरी अभिनेता-सांसद मनोज तिवारी मृदुल का डिजिटल जुड़ाव रहा, जिन्होंने ऑनलाइन मंच से मां काली की स्तुति व भजन प्रस्तुत किए। तबला वादक दीपक सिंह ने अपनी उंगलियों के करिश्मे से लोकधुनों की मनमोहक झंकार प्रस्तुत की। अपर्णा मौर्य और अवंतिका मौर्य ने वायलिन पर संगत दी। बाल कलाकार यथार्थ दुबे, स्नेहा अवस्थी, रविंद्र सिंह, ज्योति, डॉ. अमलेश शुक्ला, अमन, आस्था शुक्ला, वीरेंद्र वीर, पुनीत जेटली और पागल बाबा सहित अनेक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को आनंदित किया।आयोजन की गरिमा को और बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. अजीत कुमार शुक्ला और विधायक सौरभ श्रीवास्तव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।


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